धीरे धीरे लोगो की भीड़ बढ़ती जा रही थी ।जैसे भी जिसको पता चलता ,व्याकुल हो पहुँच रहा था। सभी नतमस्तक थे कर्मयोगिनी के कर्मो पर । एकत्रित जन समूह एकदूसरे से उनके अच्छे कर्मों का गुणगान कर व्यथित हो रहे ...
तनु श्रीवास्तवा
अध्यापन कार्य मे संलग्न
कविता कहानियां लघुकथा विभिन्न किताबो में प्रकाशित , स्वप्नगन्धा कवितासंग्रह प्रकाशित
गुफ़्तुगू पत्रिका में लेखन कार्य,सुभद्रा कुमारी चौहान सम्मान प्राप्त
सारांश
तनु श्रीवास्तवा
अध्यापन कार्य मे संलग्न
कविता कहानियां लघुकथा विभिन्न किताबो में प्रकाशित , स्वप्नगन्धा कवितासंग्रह प्रकाशित
गुफ़्तुगू पत्रिका में लेखन कार्य,सुभद्रा कुमारी चौहान सम्मान प्राप्त
रिपोर्ट की समस्या