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कर्ज मुक्त

3.8
1227

धीरे धीरे लोगो की भीड़ बढ़ती जा रही थी ।जैसे भी जिसको पता चलता ,व्याकुल हो पहुँच रहा था। सभी नतमस्तक थे कर्मयोगिनी के कर्मो पर । एकत्रित जन समूह एकदूसरे से उनके अच्छे कर्मों का गुणगान कर व्यथित हो रहे ...

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लेखक के बारे में

तनु श्रीवास्तवा अध्यापन कार्य मे संलग्न कविता कहानियां लघुकथा विभिन्न किताबो में प्रकाशित , स्वप्नगन्धा कवितासंग्रह प्रकाशित गुफ़्तुगू पत्रिका में लेखन कार्य,सुभद्रा कुमारी चौहान सम्मान प्राप्त

समीक्षा
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  • author
    Aditya Dubay
    05 अप्रैल 2021
    और बेहतर तरीके से समझाया जा सकता था।
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    Aditya Dubay
    05 अप्रैल 2021
    और बेहतर तरीके से समझाया जा सकता था।