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करवाचौथ

4.4
1355

प्रेम, अलगाव और फिर कभी ना खत्म होने वाला इंतज़ार।

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लेखक के बारे में
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Vidhi Singhai

जब किसी से कुछ नही कह पाती हूँ, तब सबसे अपने दिल के राज़ कह देती हूँ।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    BRIJ BHOOSHAN KHARE
    08 जून 2018
    बहुत ही अच्छा लेखन. पढ़ कर अच्छा लगा.
  • author
    Janki Rawat
    24 सितम्बर 2018
    मीरा तो कृष्ण के लिए करवा चौथ का व्रत रख रही है। लेकिन क्या कृष्ण ने भी मीरा के लिए व्रत रखा। अगर आप स्पंदन की ओर से भी पत्र लिखेंगी तो हमें अच्छा लगेगा।
  • author
    Rajeev Saxena
    28 अगस्त 2020
    सच्चा प्यार कभी मरता नहीं। कहीं ना कहीं अवशेष रह ही जाते हैं।एक अच्छा मोड़ दे आगे निकल जाता है। कहानी भावप्रधान है। आभार।
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    BRIJ BHOOSHAN KHARE
    08 जून 2018
    बहुत ही अच्छा लेखन. पढ़ कर अच्छा लगा.
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    Janki Rawat
    24 सितम्बर 2018
    मीरा तो कृष्ण के लिए करवा चौथ का व्रत रख रही है। लेकिन क्या कृष्ण ने भी मीरा के लिए व्रत रखा। अगर आप स्पंदन की ओर से भी पत्र लिखेंगी तो हमें अच्छा लगेगा।
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    Rajeev Saxena
    28 अगस्त 2020
    सच्चा प्यार कभी मरता नहीं। कहीं ना कहीं अवशेष रह ही जाते हैं।एक अच्छा मोड़ दे आगे निकल जाता है। कहानी भावप्रधान है। आभार।