pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

करुणा (करुण रस?)

4.9
20

करूणा  वह भाव  है जो मानव मन मे संचरित अन्य भाव  यथा दया,ममता, राग,द्वेष,सुख,दुख की तरह मानव मात्र मे रहता है। करूणा  से ही करुण  रस की उत्पत्ति होती है । किसी प्राणी मात्र को कष्ट मे देखकर जो ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
Shakun Shrivastava

अन्तर्मुखी महिला हूं।बहुत कुछ लिखती हूं,मिटाती हूं मन मे ही कागज पर बहुत कम ।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    07 अप्रैल 2022
    करुण भाव के सटीक विष्लेषण, उत्तम अवधारणा _ उत्कृष्ट सृजन। 🙏
  • author
    Sarika Sharma
    07 अप्रैल 2022
    बिल्कुल सही कहा आपने मैम। सुदामा से बढ़कर दीन और प्रभु श्री कृष्ण से बढ़कर करुणामई और कौन है। सभी को प्रभु की दया और करुणा की आवश्यकता है । हरे कृष्णा जी।🙏🏻🙏🏻
  • author
    Balram Soni
    07 अप्रैल 2022
    बहुत ही बहुत बेहतरीन लेखन आपके द्वारा अति उत्तम लिखा 🌹🌹 🌹🙏🌹जय श्री राधे कृष्णा 🌹🙏🌹
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    07 अप्रैल 2022
    करुण भाव के सटीक विष्लेषण, उत्तम अवधारणा _ उत्कृष्ट सृजन। 🙏
  • author
    Sarika Sharma
    07 अप्रैल 2022
    बिल्कुल सही कहा आपने मैम। सुदामा से बढ़कर दीन और प्रभु श्री कृष्ण से बढ़कर करुणामई और कौन है। सभी को प्रभु की दया और करुणा की आवश्यकता है । हरे कृष्णा जी।🙏🏻🙏🏻
  • author
    Balram Soni
    07 अप्रैल 2022
    बहुत ही बहुत बेहतरीन लेखन आपके द्वारा अति उत्तम लिखा 🌹🌹 🌹🙏🌹जय श्री राधे कृष्णा 🌹🙏🌹