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करना पड़ता है

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जीवन कैसा भी हो, समझौतों से, मिल कर, परिस्थितियों में ढल कर हर दुर्घटना को भूल कर हर हाल में आगे बढ़ना पड़ता है,,, कुछ यही बताती है मेरी ये कविता

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लेखक के बारे में
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ajay chauhan

अजय चौहान "आज़ाद" पिता का नाम - श्री मुन्ना सिंह माता का नाम - स्व0 श्रीमती कुसुम सिंह जन्म तिथि - 10-04-1978 शिक्षा - एम0 कॉम, एम0ए(समाज शास्त्र),एल एल0एम उपलब्धि- कविताओं के चार साझा संकलन "100 कदम" संदल सुगंध", भावों के मोती, एवं भाव कलश प्रकाशित सम्प्रति - वर्तमान में अधिवक्ता वृत्ति में संलग्न, पता पिन कोड के साथ 58/5साईट नंबर 1 ,किदवई नगर कानपुर,208011 मोबाइल -9336211326 ई-मेल[email protected]

समीक्षा
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    Smriti Prakash
    02 जुलै 2021
    संघर्ष करने का जज़्बा बहुत ही बढ़िया लगा
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    Smriti Prakash
    02 जुलै 2021
    संघर्ष करने का जज़्बा बहुत ही बढ़िया लगा