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कारीगर

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घुरहू ने बड़े जतन से महराजिन अम्मा के घर की एक –एक ईंट जोड़ी थी। दिल्ली से पूरे दस साल बाद काम सीखकर लौटा हूँ महराजिन अम्मा ! मिस्त्री के काम में पारंगत हो गया हूँ। बाप - दादा मजूरी करते - करते सिधार ...

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लेखक के बारे में

अमरपाल सिंह ‘ आयुष्कर ’ जन्म : 1 मार्च ग्राम- खेमीपुर, अशोकपुर , नवाबगंज जिला गोंडा , उत्तर - प्रदेश दैनिक जागरण, हिन्दुस्तान ,कादम्बनी,वागर्थ ,बया ,इरावती प्रतिलिपि डॉट कॉम , सिताबदियारा ,पुरवाई ,हमरंग आदि में रचनाएँ प्रकाशित 2001 में बालकन जी बारी संस्था द्वारा राष्ट्रीय युवा कवि पुरस्कार 2003 में बालकन जी बारी -युवा प्रतिभा सम्मान आकाशवाणी इलाहाबाद से कविता , कहानी प्रसारित ‘ परिनिर्णय ’ कविता शलभ संस्था इलाहाबाद द्वारा चयनित मोबाईल न. 8826957462 mail- [email protected]

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Nikhil Kumar Chaurasiya
    20 जुलाई 2017
    वर्तमान के काफी निकट तो नहीं...परन्तु वास्तिकता स्पष्ट करती है
  • author
    Deepshikha mittal
    31 जनवरी 2018
    bilkul sateek..
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  • author
    Nikhil Kumar Chaurasiya
    20 जुलाई 2017
    वर्तमान के काफी निकट तो नहीं...परन्तु वास्तिकता स्पष्ट करती है
  • author
    Deepshikha mittal
    31 जनवरी 2018
    bilkul sateek..