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कराहती ज़िंदगी

3.9
2512

रात के अँधेरे में कराहती हुई सुलोचना करवटें बदल रही थी | शरीर का कोई भी हिस्सा ऐसा नही था जहाँ चोट से काला निशान ना पड़ा हो जिस करवट भी सोती दर्द से कराह उठती | थोड़ी देर बाद उठ के बैठ गयी और सोचने ...

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लेखक के बारे में

पिता- स्व० श्री चंद्रशेखर धर द्विवेदी माता-श्रीमती शारदा द्विवेदी कार्य - गृहिणी , लेखिका शिक्षा- कानपुर यूनिवर्सिटी से स्नातक रूचि- संगीत सुनना, साहित्यिक कर्यक्रमों में भाग लेना , किताबें पढना , प्राकृतिक स्थलों पर घूमना . 'अंतर्मन ' ब्लॉग का सफल संचालन , प्रकाशित कृति - साझा संग्रह-‘अपना-अपना आसमा’, ‘सारांश समय का’, ‘जीवन्त हस्ताक्षर-2’, ‘काव्य सुगंध भाग-2’, ‘सहोदरी सोपान-2’ और ‘जीवन्त हस्ताक्षर-3’ ‘लमही’, हिन्दुस्तान, ‘कथाक्रम’ आदि अनेक प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में कहानियाँ व कविताएँ प्रकाशित होती रहती हैं , विभिन्न ई -पत्रिकाओं और ब्लॉग पर नियमित रचनाएँ प्रकाशित होतीं हैं . सम्मान - शोभना वेलफेयर सोसायटी द्वारा-शोभना ब्लॉग रत्न सम्मान 2012, माण्डवी प्रकाशन द्वारा 2014 में ‘साहित्यगरिमा’, अनुराधा प्रकाशन से ‘विशिष्ट हिन्दी सेवी’ सम्मान तथा ‘विश्व हिन्दी संस्थान कल्चरल आर्गेनाइजेशन,कनाडा द्वारा उपन्यास ‘खट्टे-मीठे रिश्ते’ में रचना धर्मिता के लिए सम्मान 2015 प्राप्त हुआ !!

समीक्षा
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  • author
    हमराझ
    30 अगस्त 2017
    ओह
  • author
    Smriti Prakash
    10 सितम्बर 2020
    ये समस्या का बेकार हल है। कुछ सार्थक अंत होना चाहिए था
  • author
    U
    04 अक्टूबर 2024
    😪Sad but last alternative left.
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    हमराझ
    30 अगस्त 2017
    ओह
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    Smriti Prakash
    10 सितम्बर 2020
    ये समस्या का बेकार हल है। कुछ सार्थक अंत होना चाहिए था
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    U
    04 अक्टूबर 2024
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