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कलयुगी नारी

4.7
28

जो खुद पैसों में बिक बैठे, वो मेरी क्या लाज बचाएंगे। मैं न्याय न्याय चिलाऊंगी, वो भगवा पहन कर आएंगे अँधेरे की ओट देख कर,सब दुःशासन बन जायेंगे। राज अंधेरों के खोल दूँ तो, वो अग्निपरीक्षा पे उतर ...

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लेखक के बारे में
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Monika Verma

In the era of fake ppl, I fall in love with pen ppr❤️

समीक्षा
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  • author
    अरुणा जांगड़ा
    10 नवम्बर 2019
    वाह! बहुत ही शानदार रचना लिखी है आपने मोनिका जी 👌👌👌👏👏👏
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    अरुणा जांगड़ा
    10 नवम्बर 2019
    वाह! बहुत ही शानदार रचना लिखी है आपने मोनिका जी 👌👌👌👏👏👏