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कलुआ

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ले खाले खाना ,मुफ्त कि रोटि तोड़त खातीर ही पैदा हुआ है, कालु कि माँ ने बेटे को दुत्कारते हुए कहा😡कालु के पिता ने पत्नि को पिन मारते हुए क्हा, याद है कलुया कि अम्मा झ्सके जन्म पर तुम कितना खुश हुई थी ...

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लेखक के बारे में
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नेहा

नई कहानी ,नही शायरी, सुलझती,उलझती जिंदगी कि डायरी🤔

समीक्षा
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  • author
    Sunita Yadav
    06 अगस्त 2021
    very nice story.
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    Sunita Yadav
    06 अगस्त 2021
    very nice story.