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कल्पनाएं।

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एक प्रेम कहानी जंगल की जंगल में ही खो जाती है, आती है जिसकी याद वो याद तो वहीं रह जाती है, हम भी गए थे एक दिन जंगल कितना घोर अंधेरा था, खो गए थे हम बस वहां जहां चांदनी का सवेरा था, निर्मल जल बहता था ...

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लेखक के बारे में
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Kiran Arora

ख्याल भी आपका, जज़्बात भीआपके, मेरे तो बस अल्फ़ाज़ हैं, नए रंगों में रंगे मेरे लफ़्ज़, शायद आपकी अपनी जिंदगी की एक किताब है (खुराक -ए शायराना)

समीक्षा
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    13 अप्रैल 2025
    उम्दा प्रदर्शन 👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻
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    13 अप्रैल 2025
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