pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

अर्पण कुमार (Arpan Kumar) की कविता 'कल्पना'

4.1
282

कल्पना अर्पण कुमार किसी के हौसले संग आई तो उड़ान बन गयी... यथार्थ से मिली तो मुस्कान हो गई किसी की कूची में उतरी तो मोनालिसा बन गई चढ़ आई किसी कवि की आँखों में तो 'उर्वशी' बन गई ... रेगिस्तान में दरिया ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
अर्पण कुमार

जन्म: नालंदा,बिहार ;14 फरवरी 1977 लालन-पालन : पटना,बिहार इंटर की पढ़ाई पटना कॉलेज,पटना,पटना विश्वविद्यालय से और बी.ए. एवं एम.ए. आदि की पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय से क्रमशः हंसराज कॉलेज एवं हिंदू कॉलेज से ; भारतीय जनसंचार संस्थान,नई दिल्ली से हिंदी पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा एवं अंग्रेजी-हिंदी अनुवाद में स्नातकोत्तर डिप्लोमा दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी अकादमी, दिल्ली से पुरस्कृत कविताएँ,ग़ज़ल, लघु- कथाएँ, आलेख, समीक्षाएँ आदि महत्वपूर्ण पत्र-पत्रिकाओमें प्रकाशित| ई-मेल[email protected] 1. ‘नदी के पार नदी’ काव्य संग्रह नेशनल पब्लिशिंग हाउस, नई दिल्ली से प्रकाशित| 2. ‘ मैं सड़क हूँ ’ काव्य-संग्रह, बोधि-प्रकाशन,जयपुर से प्रकाशित शिक्षा : एम.ए. (हिंदी),दिल्ली विश्वविद्यालय,दिल्ली एम.ए.(जनसंचार),गुरु जंबेश्वर विश्वविद्यालय,हिसार स्नात्कोत्तर डिप्लोमा( हिंदी-अंग्रेज़ी अनुवाद), दिल्ली विश्वविद्यालय,दिल्ली स्नात्कोत्तर डिप्लोमा( हिंदी पत्रकारिता),भारतीय जनसंचार संस्थान,नई दिल्ली प्रकाशन : कविताएँ,आलेख,कहानियाँ लघुकथाएँ,रिपोर्ताज,व्यक्ति-चित्र ,ग़ज़ल आदि विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। कविताएँ : जनसत्ता,हिंदुस्तान,नई दुनिया,कुबेर टाईम्स,अमर उजाला,पॉयनियर साप्ताहिक,बया,कथादेश,नई धारा,कादम्बिनी,गगनांचल,समकालीन भारतीय साहित्य,हरिगंधा,इंद्रप्रस्थ भारती,वीणा, राजस्थान पत्रिका, वागर्थ, वर्तमान साहित्य,भाषा, मधुमती समेत कई कई महत्वपूर्ण पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। कविताएँ : हिंदी समय, वर्धा में संकलित। कहानियाँ और लघुकथाएँ : भाषा, हरिगंधा आदि में प्रकाशित ग़ज़ल : वीणा,अक्षर पर्व,पाखी में प्रकाशित । पुस्तक समीक्षा : जनसत्ता,हिंदुस्तान,नई दुनिया,पॉयनियर साप्ताहिक,पुस्तक वार्ता,कथादेश,गगनांचल,इंडिया टुडे,समकालीन भारतीय साहित्य,आजकल, नया ज्ञानोदय, राजस्थान पत्रिका आदि पत्रिकाओं में प्रकाशित। साक्षात्कार: मनोहर श्याम जोशी,कमलेश्वर,इंदिरा गोस्वामी,रामदरश मिश्र,पद्मा सचदेव,वेद मारवाह,चित्रा मुद्गल ,नासिरा शर्मा, रघु राय समेत कई साहित्यिक एवं साहित्येतर विद्वानों,विशेषज्ञों से लिए साक्षात्कार विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित । उल्लेखनीय भागीदारी : निराला साहित्य पर्व 2002,हिंदी अकादमी,दिल्ली के युवा काव्य-गोष्ठी में काव्य-पाठ । चर्चा : 'नदी के पार नदी' काव्य-संग्रह की समकालीन भारतीय साहित्य ,इंद्रप्रस्थ भारती,आउटलुक,नवभारत टाईम्स आदि में समीक्षाएँ प्रकाशित। ‘मैं सड़क हूँ’ की समीक्षा प्रगतिशील वसुधा, वागर्थ, मधुमती, राजस्थान पत्रिका, कादम्बिनी आदि में प्रकाशित। प्रसारण: आकाशवाणी के दिल्ली एवं जयपुर केंद्र से कविताओं,कहानियों, भेंटवार्ता आदि का प्रसारण दूरदर्शन के जयपुर केंद्र पर साहित्यिक /सांस्कृतिक कार्यक्रम में भागीदारी। जन्मशती संस्मरण: उपेंद्रनाथ अश्क,नागार्जुन एवं फैज़ अहमद फैज़ पर आलेख नई दुनिया,वीणा,दीपशिखा 2010 (राजभाषा प्रकोष्ठ,इग्नू ,नई दिल्ली) में प्रकाशित। संपर्क : अर्पण कुमार, बी-1/6, एस.बी.बी.जे. अधिकारी आवास, ज्योति नगर, जयपुर , पिन: 302005

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Kalpana Kumari
    22 నవంబరు 2015
    यथार्थ में रहते हुए, यथार्थ के पार जाना, कल्पना है।
  • author
    अरविन्द सिन्हा
    29 మార్చి 2022
    अत्यन्त ही भावपूर्ण रचना ।
  • author
    24 ఆగస్టు 2019
    सुन्दर अभिव्यक्ति
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Kalpana Kumari
    22 నవంబరు 2015
    यथार्थ में रहते हुए, यथार्थ के पार जाना, कल्पना है।
  • author
    अरविन्द सिन्हा
    29 మార్చి 2022
    अत्यन्त ही भावपूर्ण रचना ।
  • author
    24 ఆగస్టు 2019
    सुन्दर अभिव्यक्ति