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कल्पना

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कल्पना ही जीवन है रंगीन रात है। इसके बिना सोचों कहां कोई बात है।। कल्पना सहारे ही गगन को छुआ। साकार अपना हर सपना किया।। कल्पना  के बिना बचा कुछ कहां ??? जो  सोचा किया वह बड़े भाव से।। किया  कल्पना ...

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लेखक के बारे में
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Dr Kiran Dayal

कुछ लिख के सो कुछ पढ़ के सो तू जिस जगह जागा सवेरे उस जगह से बढ़ के सो... ❤️❤️

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    17 ડીસેમ્બર 2022
    बिल्कुल सही कहा आपने। कल्पना से ही चली जीवन की रफ़्तार। बढ़िया प्रस्तुति आपकी 💕💞💞💞💞💞💞
  • author
    jayshankar prasad
    17 ડીસેમ્બર 2022
    बहुत सुंदर एवं सार्थक अभिव्यक्ति है आपकी आदरणीया मैडम जी
  • author
    17 ડીસેમ્બર 2022
    अतिसुन्दर 👌
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    17 ડીસેમ્બર 2022
    बिल्कुल सही कहा आपने। कल्पना से ही चली जीवन की रफ़्तार। बढ़िया प्रस्तुति आपकी 💕💞💞💞💞💞💞
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    jayshankar prasad
    17 ડીસેમ્બર 2022
    बहुत सुंदर एवं सार्थक अभिव्यक्ति है आपकी आदरणीया मैडम जी
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    17 ડીસેમ્બર 2022
    अतिसुन्दर 👌