नाम तो उसका अपनी दो बड़ी बहनों के नाम के प्रथम अक्षर से मिलता जुलता रखा जाना था।पूजा और पल्लवी के बाद इसलिए परिमिता नाम रखा गया।इस दुनिया में उसका आना उसके मातापिता के लिए एक निराशाजनक घटना ...
मैं गृहिणी हूँ।लेखन में रुचि है।सामाजिक विषयों पर लेखन पसंद है।एक उपन्यास, हम कैदी जनम के, तथा एक कविता संग्रह अश्रुधारा. प्रकाशित हो चुका है। समाज सेवा में भी रुचि है अतः लायंस क्लब इंटरनेशनल में सदस्यता भी ले रखी है।
सारांश
मैं गृहिणी हूँ।लेखन में रुचि है।सामाजिक विषयों पर लेखन पसंद है।एक उपन्यास, हम कैदी जनम के, तथा एक कविता संग्रह अश्रुधारा. प्रकाशित हो चुका है। समाज सेवा में भी रुचि है अतः लायंस क्लब इंटरनेशनल में सदस्यता भी ले रखी है।
रिपोर्ट की समस्या
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