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काली छाया बोली...

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एक काली सी रात में, सोचा घूमने चलें आज। भटक रहे थे अकेले, छोड़कर सब का काज। अचानक आई एक छाया, जोर से बोली "ठहरो!" "है यह तो हमारा इलाका, ऐसे यहां मत भटको!" हम भी यह सुनके हंस पड़े, विस्मित होकर ...

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Dastan Zindagi Ki

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समीक्षा
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  • author
    18 मई 2022
    बहुत ही बेहतरीन 🙏🙏🙏,,,,, बहुत ही लाजबाब 🙏🙏
  • author
    18 मई 2022
    बहुत बढ़िया लिखा है आपने
  • author
    किरण मिश्रा
    18 मई 2022
    बहुत बढीया लिखा हैं आपने
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    18 मई 2022
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    18 मई 2022
    बहुत बढ़िया लिखा है आपने
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    किरण मिश्रा
    18 मई 2022
    बहुत बढीया लिखा हैं आपने