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कला और आदमी

4.2
796

मैं उन लोगों से निपट कर आया हूँ जो कला को तरजीह नहीं देते। वे हैरान थे कि एक सूती धोती से आच्छादित हो जाता शरीर तो क्यों पहनते हैं लोग कलात्मक परिधान ? वे हैरान थे कि कोई चित्रकार या मूर्तिकार क्यों ...

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समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Manjit Singh
    13 मई 2021
    कला है तो जीवन है,आपको प्रणाम करता हु
  • author
    विकास कुमार
    10 मई 2018
    वाह, बहुत सही कहा है आपने
  • author
    मंजीत कुमार
    21 जुलाई 2018
    bahut achchha
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    Manjit Singh
    13 मई 2021
    कला है तो जीवन है,आपको प्रणाम करता हु
  • author
    विकास कुमार
    10 मई 2018
    वाह, बहुत सही कहा है आपने
  • author
    मंजीत कुमार
    21 जुलाई 2018
    bahut achchha