कल रात मैंने एक सपना देखा .... कल रात मैंने एक सपना देखा कुछ चीज़े मेरे आस पास बेतरतीबी से पड़ी हुई थी, एक मध्यम सा सूरज मेरे सिरहाने मेरे उठने के इंतज़ार में था, जिसकी हल्की रौशनी मुझे हल्की ...
एक आज़ाद और बेपरवाह लेखिका....
महक जाये चमन की सूरत...
कि मेरी कलम से वो मोहब्बत की खूशबू निकले ....
https://www.facebook.com/profile.php?id=61550740989187
धन्यवाद्!
सारांश
एक आज़ाद और बेपरवाह लेखिका....
महक जाये चमन की सूरत...
कि मेरी कलम से वो मोहब्बत की खूशबू निकले ....
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