pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

खरीददार चाहिए

4.3
430

दशकों से बिक रही कुर्सियाँ, खरीददार चाहिए और कुछ नहीं, हरामखोरी को वफादार चाहिए। ये डिग्रियाँ देख-देख, मत होना हैरान मुसाफिर सोने पे सुहागा, पर आरक्षण का आधार चाहिए। वेतन देना या मत देना ये है आधिकार ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में

श्याम स्नेही शास्त्री, सम्प्रदायों से इतर ईश्वर निरुपक, स्वर विज्ञान द्वारा बगैर औषधि के स्वास्थ्य रक्षण एवं समसामयिक लेखन।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    मुकेश राम नागर
    24 जून 2018
    सुंदर रचना सर!! आपका ई-मेल दें जी।🙏
  • author
    अरविन्द सिन्हा
    08 फ़रवरी 2022
    सुन्दर अभिव्यक्ति ।
  • author
    Sumedha Prakash
    09 अक्टूबर 2018
    बहुत अच्छी रचना
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    मुकेश राम नागर
    24 जून 2018
    सुंदर रचना सर!! आपका ई-मेल दें जी।🙏
  • author
    अरविन्द सिन्हा
    08 फ़रवरी 2022
    सुन्दर अभिव्यक्ति ।
  • author
    Sumedha Prakash
    09 अक्टूबर 2018
    बहुत अच्छी रचना