कहीं रूठना मनाना चल रहा है इसी से तो ज़माना चल रहा है गमों के दौर मे क्या अब कहें हम लबों का मुस्कुराना चल रहा है किराये का है ये जिस्म तेरा जहां मे बस ठिकाना चल रहा है न जाने जिंदगी कब रूठ जाये सांसों का आना जाना चल रहा है घरोंदे जो परिंदों ने बनाये शिकारी का निशाना चल रहा है वफा की बात अब तो मत ही करना नया कोई बहाना चल रहा है है झूठा इश्क वादे भी है झूठे कि रिश्तों को निभाना चल रहा है हैं चर्चे हर कहीं तो अब शहर में नया सा आशिकाना चल रहा है चमन जो तेरे दिल का है खिला सा हवा से दोस्ताना चल रहा ...
रिपोर्ट की समस्या
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