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कह दो उन दरिंदो से

3.6
2609

क्या इतने नपुंसक हो गये हो नही टिक पाते जब कही भी बच्चों पर हिंसक हो गये हो जल्लाद भी कहना कम होगा इतने निर्दयी अब बन गये हो नही रहा ह्रदय अब सिने मे तो नामर्द से तन गये हो नही चित्कारा ह्दय ...

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लेखक के बारे में
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एकता सारदा

नाम - एकता सारदा पता - सूरत (गुजरात) सम्प्रति - स्वतंत्र लेखन प्रकाशित सांझा काव्य संग्रह - अपनी-अपनी धरती , अपना-अपना आसमान , अपने-अपने सपने(2014) [email protected]

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Jainand Gurjar
    06 दिसम्बर 2018
    shaandaar......👌👌👌👌👌👌💐💐💐💐💐 जी आप मेरी नई कहानी"मानसिक बलात्कार" और "उसका यूँ तोतलाना" पढ़ सकते हैं।
  • author
    Chetana Rathore
    09 जुलाई 2021
    shi likha he aapne 💯👌👌👌 ab or nhi
  • author
    Abhay Kumar
    19 अप्रैल 2021
    very nice think
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    Jainand Gurjar
    06 दिसम्बर 2018
    shaandaar......👌👌👌👌👌👌💐💐💐💐💐 जी आप मेरी नई कहानी"मानसिक बलात्कार" और "उसका यूँ तोतलाना" पढ़ सकते हैं।
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    Chetana Rathore
    09 जुलाई 2021
    shi likha he aapne 💯👌👌👌 ab or nhi
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    Abhay Kumar
    19 अप्रैल 2021
    very nice think