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कड़वा सच

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जी रहा है हर शक्स दिल में कुछ कांटे लिए, किसी की चुभन ज्यादा है किसी की तड़प ज्यादा। झूठे वादों की वजह से, किसी की आंखों में सच्चे आंसू हैं, किसी ने झूठी मुस्कान सजा रखी है, इक सच्चे वादे के लिए। ...

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लेखक के बारे में
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akanksha pandey

जज़्बात जो दफ्न हैं, सीने में मेरे। लफ्ज़ दे दू इन्हे खुद दफ्न होने से पहले।

समीक्षा
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    डॉ. प्रवीण पंकज
    04 सितम्बर 2019
    ..........माहताब नहीं है,किसी के पास आफ़ताब नहीं!अतिसुन्दर सृजन।
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    डॉ. प्रवीण पंकज
    04 सितम्बर 2019
    ..........माहताब नहीं है,किसी के पास आफ़ताब नहीं!अतिसुन्दर सृजन।