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कड़वा घूंट (दोहे)

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बिना स्वार्थ के जी लीजिए, सुख में रहोगे सदा। जैसा किसी को दोगे कभी,वो तुम्हे होगा अदा।। झूठे इस संसार में,नही सच्चाई का मोल। सबका व्यवहार देख लिया,सबकुछ झोलमझोल।। बुरा किसी का मत सोचिए, जिससे मन मैला ...

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शिक्षक

समीक्षा
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  • author
    Dinesh Paliwal
    23 फ़रवरी 2023
    behtarin rachna, amazing
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    Dinesh Paliwal
    23 फ़रवरी 2023
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