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कड़वा घूंट

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🖍️कड़वा घूंट जीना है अगर दुनिया में बदलते हालात को समझ लेना ही बेहतर है कोई अपना हो ,मगर कड़वा हो कड़वे घूंट को पी लेना ही बेहतर है मीठा है मगर विश्वास गाती हो छलिया हो पड़पंछी हो पीठ के पीछे खंजर ...

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लेखक के बारे में
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Pradeep jain Hamsafar

pradeep jain 'हमसफ़र ' गुरू जनो माफ करना मै कोई लेखक नहीं, मन के भावो को शब्द देता हूँ मेरा उद्देश्य आप सभी गुणी अनुभवी विचारकों को फोलो करना एवं आपसे बहुत कुछ सिखना है मेरा आपसे अनुरोध है कि आप सभी गुणी जन मुझे स्टार देने के बजाय मेरी रचना की कठोर समिक्षा करे मेरी सभी कमियों को उजागर करे न तो मै स्टार की दौड में रहना चाहता हूँ नही मै रैंक की रफ्तार चाहता हूँ मै सिर्फ आप गुणी जनो के सानिध्य मे रहकर काव्य को जीना चाहता हूँ सभी का आशीर्वाद चाहता हू सभी के लिये शुभकामनायें ।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Writer
    12 जनवरी 2020
    kya baat kahi hai jeeyo sir
  • author
    Aditi Tandon
    06 अक्टूबर 2020
    सही फरमाया आपने 👌👌👌
  • author
    Poonam Kaparwan pikku
    12 जनवरी 2020
    बहुत सुंदर बात कही आपने ।👍👍👍👍👍
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    Writer
    12 जनवरी 2020
    kya baat kahi hai jeeyo sir
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    Aditi Tandon
    06 अक्टूबर 2020
    सही फरमाया आपने 👌👌👌
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    Poonam Kaparwan pikku
    12 जनवरी 2020
    बहुत सुंदर बात कही आपने ।👍👍👍👍👍