सीढ़ीनुमा खेत , टेढ़े मेढे रास्ते ,देवदार के ऊचें -ऊँचे वृक्ष प्राकृतिक सौंदर्य से घिरा हुआ उत्तराखंड का एक छोटा सा गांव ,जहां रहती थी अस्सी साल की कादम्बरी देवी। चार बेटे और तीन बेटियों की माँ ...
सुंदर चित्रण। गांव पहुँचा दिया आपने।
मेरी रचना लेटर बॉक्स जरूर पढ़ें शायद गांव की याद दिलाने में कामयाब हो जाऊं। हाँ किराये का रावण बिल्कुल सच्ची घटना है गांव की रामलीला की। प्रतिक्रिया जरूर दीजियेगा।
धन्यवाद।
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यही हकीकत है, पैसों की दौड़ में सब छूट गया, मेरे पास शब्द ही नहीं हैं, निशब्द हूं। जब आपको कुछ मिलता है तभी ध्यान देना चाहिए कि मुझसे छूट क्या रहा है। धन्यवाद
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