कच्चे धागे विश्वास के एक स्पर्श ममता का थम सी जाती हैं आहें कच्चे धागे विश्वास के धर्म नाज़ुक निबाहें। गम और खुशी में नम ऐतबार की निगाहें कच्चे धागे विश्वास के धर्म नाज़ुक निबाहें। राहें फिसलन भरी ...
बहुत खूब लिखा है आपने।
"तुम्हें टूट कर मांगा हैं खुदा से मैं ने", को प्रतिलिपि पर पढ़ें :,
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