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कब आओगी माँ ?

4.5
35006

ये हर उस माँ की कहानी है जो आज के युग में अपने पति के साथ कंधे से कंधा मिला कर चल रही है किन्तु इस सफलता का एक दूसरा पहलु जो मैंने समाज में देखा है उसे इस कहानी में उजागर किया है,मेरी ये रचना आप ...

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लेखक के बारे में
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ऋचा तिवारी

परिचय: Education :BCA and MBA ,achieved best teacher award from "human resource development government of India",achieved various certificates for my hard work.लेखक की कलम ही उसका हथियार है,इसी हथियार को ले कर समाज में हो रही बुराइयों के विपक्ष खड़ी हूँ,मेरी हर एक रचना किसी सत्य घटना से ही प्रेरित रहती है कोशिश करती हूँ समाज की कुछ बुराईयां और कुछ अच्छाईयां आप के सामने प्रस्तुत करूँ,अगर मेरी सोच आप को अच्छी लगती हो या उसमे कुछ कमी दिखे तो निसंकोच आप अपने विचार मुझ तक पहुँचाये.आप [email protected] पर ईमेल भी कर सकते है या मुझे फेसबुक पर massage भी कर सकते है.मैं एक समाजसेवक हूँ और सब की सहायता के लिए सदैव तत्पर रहती हूँ । more about me @https://richatiwarinarayani.blogspot.in/

समीक्षा
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    Sarina Dalal
    21 दिसम्बर 2018
    यूँ तो मैंने बुलन्दियों के हर निशान को छुआ, जब माँ ने गोद में उठाया तो आसमान को छुआ। nice story ji🍫😊👌
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    Usha Garg "उषा"
    19 दिसम्बर 2018
    नोकरी वाली औरतो के साथ ये ही होता है
  • author
    BD Vaishnav
    13 दिसम्बर 2018
    सच कहाँ आपने यही जीवन का सत्य है, और बहुत दर्द भरा अन्त।
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    Sarina Dalal
    21 दिसम्बर 2018
    यूँ तो मैंने बुलन्दियों के हर निशान को छुआ, जब माँ ने गोद में उठाया तो आसमान को छुआ। nice story ji🍫😊👌
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    Usha Garg "उषा"
    19 दिसम्बर 2018
    नोकरी वाली औरतो के साथ ये ही होता है
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    BD Vaishnav
    13 दिसम्बर 2018
    सच कहाँ आपने यही जीवन का सत्य है, और बहुत दर्द भरा अन्त।