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काम तमाम दिखाई देता है

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क्यों हर तरफ़ मुझे सिर्फ़ आपका ही नाम सुनाई देता है जिधर देखूँ सिर्फ़ आपका ही पैगाम दिखाई देता है l नज़रें इनायत सनम तो जाने कब मेहरबाँ होंगीं धड़क धड़क दिल मेरा धड़कता जा रहा है लगता है जैसे दिल का काम ...

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लेखक के बारे में
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Meena (Sumi) Rawlani

क्यों तुम पहचान कर भी अनजान बने रहते हो दोस्ती का मुखौटा पहनकर दुश्मनों सा व्यवहार करने लगते हो ll शायद यही होती है दोस्ती ऐसी कहलाती है दोस्ती पहले दोस्त बनाते हो फिर दुश्मन बनकर पीठ में खंजर घोपने लगते हो l Sumi

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
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    Sandip Sharmaz . Sharmaz "Lucky"
    18 सितम्बर 2023
    बहुत बहुत बहुत खूब जी।स्नेहिल वंदन। लाजवाब ख़्याल। जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण।
  • author
    18 सितम्बर 2023
    हर तरफ आप ही आप हो। बेहतरीन लिखा है।
  • author
    Nirdosh
    18 सितम्बर 2023
    लाजवाब
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    Sandip Sharmaz . Sharmaz "Lucky"
    18 सितम्बर 2023
    बहुत बहुत बहुत खूब जी।स्नेहिल वंदन। लाजवाब ख़्याल। जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण।
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    18 सितम्बर 2023
    हर तरफ आप ही आप हो। बेहतरीन लिखा है।
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    Nirdosh
    18 सितम्बर 2023
    लाजवाब