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काला आदमी

3.8
2749

वह धोतीवाला बड़ा ही दुष्ट निकला । कोई दो महीने पहले किसी काम के लिये उसने मुझसे दो सौ रुपये उधार लिये थे । अब मैं उससे वापस कैसे मॉगता ,उसे ही याद रखना चाहिये था , लेकिन वह भूल गया । भूल क्या गया , ...

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लेखक के बारे में

15 सितम्बर 1965, भोपाल बी. एस-सी., एम. ए. (हिन्दी, अंग्रेजी, दर्शनशास्त्र ) , पी-एच. डी., डी. लिट. (हिन्दी) नेट तथा जूनियर रिसर्च फेलोशिप अमेरिकन लिटरेचर ,गांधी दर्शन , तथा आंचलिक उपन्यासों पर विशेष कार्य भारतीय मिथकों पर उच्च स्तरीय शोधकार्य बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल में शोध निर्देशक , प्रकाशित पुस्तकें कहानी संग्रह - 1 - अहं ब्रह्मास्मि 2- इच्छाधारी लड़की 3- रुकोगी नहीं उर्वशी आलोचना – 1- भाषा विज्ञान २- लोक साहित्य 3- दृश्य-श्रव्य माध्यम लेखन 4- हिन्दी भाषा 5- हिन्दी साहित्य का प्राचीन इतिहास 6- उर्वशी और पुरुरवा की प्रेमाख्यान परम्परा और दिनकर की उर्वशी 7- हिन्दी साहित्य का अर्वाचीन इतिहास - सारिका, साक्षात्कार, वागर्थ आदि पत्रिकाओं में कहानियों का प्रकाशन । कविताओं , आलेख और शोधपत्रों का लगातार प्रकाशन । - उर्वशी (शोध साहित्य एवं संस्कृति की अंतर्राष्ट्रीय त्रैमासिकी ) wwwका सम्पादन ।

समीक्षा
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  • author
    Uday Shankar Shastri
    02 सितम्बर 2019
    कुछ विशेष नहीं है।लेखक महोदय से निवेदन है ,कि अधिकांश "श "के स्थान पर" ष "का प्रयोग हुआ है ।कृपया इसका ध्यान रखा जाय।
  • author
    26 सितम्बर 2021
    बहुत ही शानदार कहानी
  • author
    Smriti Prakash
    04 फ़रवरी 2021
    कहना क्या चाह रहे हैं,लेखक महोदय? अंत तक पता ही नही चला
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    Uday Shankar Shastri
    02 सितम्बर 2019
    कुछ विशेष नहीं है।लेखक महोदय से निवेदन है ,कि अधिकांश "श "के स्थान पर" ष "का प्रयोग हुआ है ।कृपया इसका ध्यान रखा जाय।
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    26 सितम्बर 2021
    बहुत ही शानदार कहानी
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    Smriti Prakash
    04 फ़रवरी 2021
    कहना क्या चाह रहे हैं,लेखक महोदय? अंत तक पता ही नही चला