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ज्वाला मुखी के फूल

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कश्मीर में गुनाहों के ज्वालामुखी धहके बांग्लादेश में तबाही के मंजर बरसे इन बंद आँखों को ईल्म ही नहीं कैसे कैसे कहर बरपें। कुछ,फूलों क़ो बहका वो,गुलशन दहकाते रहे ये वो नमक.....है जो चिताओं पर ...

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लेखक के बारे में
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Krishnakriti

आए तों वेलकम🙏 जाए तों भीड़ कम,👍 दोस्त कम रखो मगर वफादार रखो🔔🤟कुछ इस तरह 👉जलते भी गए कहते भी गए आजादी के परवाने जीना तो उसी का जीना है जों मिटना वतन पर जाने 🇮🇳🇮🇳 जय हिंद

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Anjali Lal
    15 जून 2022
    Bahut sunder 👌👌Is vishya per meri bhi rachna padhe aur apne vichar de
  • author
    Brahmwati Sharma
    15 जून 2022
    बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति करण एवं भावनाये प्रेरणा दायक सन्देश
  • author
    Yashwant Kumar Garg
    15 जून 2022
    बहुत ही खूबसूरत यथार्थ भाव सृजन🙏🙏
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    Anjali Lal
    15 जून 2022
    Bahut sunder 👌👌Is vishya per meri bhi rachna padhe aur apne vichar de
  • author
    Brahmwati Sharma
    15 जून 2022
    बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति करण एवं भावनाये प्रेरणा दायक सन्देश
  • author
    Yashwant Kumar Garg
    15 जून 2022
    बहुत ही खूबसूरत यथार्थ भाव सृजन🙏🙏