हर चीज का अपना अपना दौर आता है । हम जब छटी-7वीं में थे तब लखानी कंपनी के पेस जूते आये थे ओलिव ग्रीन कलर के , मेरे जैसे हर पढ़ने वाले का ख़्वाब होता था कि कैसे भी कर के 1000-1200 का जुगाड़ कर के ...
नकारात्मक लिखोगे तो लोग कहेंगे दुःखी आत्मा है, सकारात्मक लिखोगे तो कहेंगे बेवजह ज्ञान सीखा रहा है...
इसलिए मैं लोगों की प्रतिक्रियाओं की परवाह किए बिना हमेशा वही लिखता हूँ जो मेरा अंतर्मन कहता है...!!
★__सेजू__★
सारांश
नकारात्मक लिखोगे तो लोग कहेंगे दुःखी आत्मा है, सकारात्मक लिखोगे तो कहेंगे बेवजह ज्ञान सीखा रहा है...
इसलिए मैं लोगों की प्रतिक्रियाओं की परवाह किए बिना हमेशा वही लिखता हूँ जो मेरा अंतर्मन कहता है...!!
★__सेजू__★
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या