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★__जूता चोर__★

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हर चीज का अपना अपना दौर आता है । हम जब छटी-7वीं में थे तब लखानी कंपनी के पेस जूते आये थे ओलिव ग्रीन कलर के , मेरे जैसे हर पढ़ने वाले का ख़्वाब होता था कि कैसे भी कर के 1000-1200 का जुगाड़ कर के ...

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लेखक के बारे में
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मोहित राही

नकारात्मक लिखोगे तो लोग कहेंगे दुःखी आत्मा है, सकारात्मक लिखोगे तो कहेंगे बेवजह ज्ञान सीखा रहा है... इसलिए मैं लोगों की प्रतिक्रियाओं की परवाह किए बिना हमेशा वही लिखता हूँ जो मेरा अंतर्मन कहता है...!! ★__सेजू__★

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Pawan Bindal
    05 जून 2023
    सुन्दर और बेहतरीन लिखा है आपने
  • author
    Seema Tandale
    05 जून 2023
    खरेच आहे, माझ्या बाबतीत असे झाले होते, मी ऊरल्या-सुरल्या जूत्या पैकी एक चोरले, त्यामुळे खिशाचा झटका थोडा का होईना हलका होतो.
  • author
    05 जून 2023
    bahut khub likha hai aapne....hamare sath bhi bachpen me aisa hota raheta tha....🙏🙏🙏
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    Pawan Bindal
    05 जून 2023
    सुन्दर और बेहतरीन लिखा है आपने
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    Seema Tandale
    05 जून 2023
    खरेच आहे, माझ्या बाबतीत असे झाले होते, मी ऊरल्या-सुरल्या जूत्या पैकी एक चोरले, त्यामुळे खिशाचा झटका थोडा का होईना हलका होतो.
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    05 जून 2023
    bahut khub likha hai aapne....hamare sath bhi bachpen me aisa hota raheta tha....🙏🙏🙏