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जंक

4.6
10457

’गद्दे क्या सस्ते आते हैं रक्षित? मर जाऊंगी तो तुम्हें नया गद्दा फेंकना बड़ा बुरा लगेगा,’ कैंसर से ग्रसित सास की यह बात बहु रीता को ठीक लगी थी किंतु रक्षित को याद आए वे दिन जब बचपन में माँ उसे सूखे ...

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लेखक के बारे में
समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    सरोज प्रजापति
    28 अगस्त 2019
    बहुत ही बेहतरीन व उम्दा रचना
  • author
    Deepak Dixit
    29 अक्टूबर 2018
    वाह
  • author
    27 दिसम्बर 2019
    बेहद संवेदनशील अभिव्यक्ति
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  • author
    सरोज प्रजापति
    28 अगस्त 2019
    बहुत ही बेहतरीन व उम्दा रचना
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    Deepak Dixit
    29 अक्टूबर 2018
    वाह
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    27 दिसम्बर 2019
    बेहद संवेदनशील अभिव्यक्ति