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...जंगल नागिन और सपेरा..!+

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...यह सत्य कहानी है हम जब पढते थे दस बारह लडके  साथ साथ जाते आते थे स्कूल  से लेकर  कॉलेज  तक.. ...आते समय स्टेशन  के निचे एक सपेरा अपना खेला लगाता था.. वैसे वह बंगाली था..बेचन नाम था उसका.. हम ...

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लेखक के बारे में
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Suresh Upadhyay

चना चबैना सबको देता 🙏 दाता ये करतार बनारस 🙏 यहां बैठ कर मुक्ति बाटता 🙏 जग का पालन हार बनारस 🙏 मरना यहां सुमंगल होता 🙏 और मृत्यु श्रृंगार बनारस 🙏 हर काशी वाशी रखता है 🙏 ठेंगे पर संसार बनारस 🙏 यहां गुरु सब चेला 🙏 लगता हैं रंगदार बनारस🙏 मीठी बोली इतनी प्यारी 🙏 सब जाते खुद को हार बनारस🙏

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    04 अप्रैल 2025
    पहाड़ों पर तो आम होते हैं साँप। रंगबिरंगे, कोई हरा कोई पीला कोई भूरा तो कोई काला कालका में हमारे घर में बहुत निकलते थे। उनमें से अधिकतर किंग कोबरा होते थे। राधे राधे 🙏 🌷 🙏
  • author
    Devayani Patani "Devi"
    03 अप्रैल 2025
    बहुत ही बढ़िया कहानी बनाई। सरस
  • author
    Laxmi Tyagi
    03 अप्रैल 2025
    खूब भालो 👌👌😄
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  • author
    04 अप्रैल 2025
    पहाड़ों पर तो आम होते हैं साँप। रंगबिरंगे, कोई हरा कोई पीला कोई भूरा तो कोई काला कालका में हमारे घर में बहुत निकलते थे। उनमें से अधिकतर किंग कोबरा होते थे। राधे राधे 🙏 🌷 🙏
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    Devayani Patani "Devi"
    03 अप्रैल 2025
    बहुत ही बढ़िया कहानी बनाई। सरस
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    Laxmi Tyagi
    03 अप्रैल 2025
    खूब भालो 👌👌😄