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जुलाहा दम्पत्ति (भक्ति)

4.7
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जुलाहा दम्पत्ति (भक्ति) एक गांव में एक निर्धन जुलाहा दम्पत्ति रहता था। जुलाहे के नाम था सुन्दर और उसकी पत्नी का नाम था लीला। दोनों पति-पत्नी अत्यंत परिश्रमी थे। सारा दिन परिश्रम करते ...

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लेखक के बारे में
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Rajiv Sharma

मेरे द्वारा प्रकाशित रचनाएं सिर्फ संकलन हेतु ही लिखीं गई हैं, किन्तु वह मेरे द्वारा रचित नहीं हैं।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Kanak Sharma
    12 மார்ச் 2020
    बहुत सुंदर भावपूर्ण अभिव्यक्ति । पढ़ कर आनन्द आ गया बार बार आंसू बहाने लगे।भगवान के भक्त और भगतों के भगवान को बार बार प्रणाम 🙏🙏🙏
  • author
    Arunima Dubey
    13 மார்ச் 2020
    ता कहुँ प्रभु कछु अगम नहीं जापर तुम अनुकूल , बहुत सुन्दर भक्ति भाव से अलंकृत प्रसंग मंत्रमुग्ध कर गया नि: शब्द हूँ धन्य है वो जुलाहा दम्पति और धन्य है उनकी भक्ति, और उस पर प्रभु की कृपा दृष्टि को कोटि कोटि नमन🙏🙏💐💐👌👌👌
  • author
    नेहा बिंदल
    12 மார்ச் 2020
    बहुत ही सुंदर कहानी है। ईश्वर के प्रति ऐसी श्रद्धा प्रत्येक मनुष्य में हो तो कहने ही क्या!
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    Kanak Sharma
    12 மார்ச் 2020
    बहुत सुंदर भावपूर्ण अभिव्यक्ति । पढ़ कर आनन्द आ गया बार बार आंसू बहाने लगे।भगवान के भक्त और भगतों के भगवान को बार बार प्रणाम 🙏🙏🙏
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    Arunima Dubey
    13 மார்ச் 2020
    ता कहुँ प्रभु कछु अगम नहीं जापर तुम अनुकूल , बहुत सुन्दर भक्ति भाव से अलंकृत प्रसंग मंत्रमुग्ध कर गया नि: शब्द हूँ धन्य है वो जुलाहा दम्पति और धन्य है उनकी भक्ति, और उस पर प्रभु की कृपा दृष्टि को कोटि कोटि नमन🙏🙏💐💐👌👌👌
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    नेहा बिंदल
    12 மார்ச் 2020
    बहुत ही सुंदर कहानी है। ईश्वर के प्रति ऐसी श्रद्धा प्रत्येक मनुष्य में हो तो कहने ही क्या!