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जूड़े का गुलाब

4.6
35612

"मयूरी सुनो आज शाम के लिए तुम वो रेशमी जरदोजी की गुलाबी सिल्क वाली साड़ी पहनना ..और हाँ ! बालों में एक गुलाब भी लगा लेना ..जब तुम जूड़े पर गुलाब लगाती हो न ' बिल्कुल सोनाली बेंद्रे सी लगती हो..! " ...

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लेखक के बारे में

लेखन मेरा जीवन है अंतर्द्वंद हो या प्रत्यक्षीकरण..जो महसूस करती हूं ,वही लेखनी के माध्यम से उतार देती हूं..! मैं पाठक व लेखक दोनो रूप जीती हूं..! और कोशिश करती हूं अपनी कहानियों में आम इंसान के जीवन की उधेड़बुन को सजीव रूप में प्रस्तुत कर सकूं..! मेरा लघुकथा सँग्रह प्रकाशित हो चुका है, पन्नों के कैनवास .. पन्नों के कैनवास amazon और flipkart पर उपलब्ध है इच्छुक लोग ऑर्डर कर सकते हैं। https://www.amazon.in/dp/9388277953/

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Meenakshi Dubey "वत्सला"
    20 मई 2021
    हाय कितनी प्यारी कहानी😍, कितनी जीवंत की खुद भी इसे जीने का मन कर गया, और जुड़े के गुलाब तो होते ही प्रेम चुंबक हैं। क्या कहने 👌 👏👏❤️❤️
  • author
    27 फ़रवरी 2021
    उनके जुड़े में गुलाब कुछ ऐसे लग रहे जैसे हो कालिया बहार की🌹🌹🌹 लाज़वाब 😍😍
  • author
    Kushbu Sharma
    22 मार्च 2018
    loveful sotry
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    Meenakshi Dubey "वत्सला"
    20 मई 2021
    हाय कितनी प्यारी कहानी😍, कितनी जीवंत की खुद भी इसे जीने का मन कर गया, और जुड़े के गुलाब तो होते ही प्रेम चुंबक हैं। क्या कहने 👌 👏👏❤️❤️
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    27 फ़रवरी 2021
    उनके जुड़े में गुलाब कुछ ऐसे लग रहे जैसे हो कालिया बहार की🌹🌹🌹 लाज़वाब 😍😍
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    Kushbu Sharma
    22 मार्च 2018
    loveful sotry