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जीवनसाथी

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"और कुछ पूछना चाहती हैं आप"? "जी, क्या आप शराब पीते हैं?" "हाँ कभी कभी ऑफिस की पार्टी या किसी दोस्त के साथ, पर इतना ही पीता हूँ जितने में दिमाग काम करता रहे" "ठीक है, मैं सोच के बताउंगी कि आप मुझे ...

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लेखक के बारे में
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राशि गुप्ता
समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Shashi Raizada
    20 May 2020
    क्या केवल हाथ उठाना ही बेज़्ज़ती का मापदण्ड है, महफिल में अपशब्द बोलना व खिल्ली उड़ाना, पत्नी की नौकरी को छोटा बताना, बच्चे कुछ गलती करें उसका ज़िम्मेदार पत्नी को ठहराना, बच्चा अच्छा करे तो खुद की उपलब्धि बताना.. ये भी थप्पड़ या मार से किसी भी तरह कम नहीं है.. सारी कथा थप्पड़ मूवी को देख कर लिखी गई है। बहुत से शराब न पीने वाले भी पत्नियों को मारते हैं, तो क्या वो जायज़ ठहराया जा सकता है.. ?
  • author
    14 March 2020
    जरूरी नही की हर पीने वाला ही औरत पर हाथ उठाता है। जो नही पीते है ऐसे बहुत लोग है इस दुनिया मे। ओर उसके बाद भी अपने कर्म का फल तो मिलता है।
  • author
    RAHUL MESHRAM
    16 June 2020
    मेरे साथ एक भैया job करते है ओ भी पीते है लेकिन उन्होंने कभी ऐसा नही किया। घटना मेरे घर से बिलकुल मिलती जुलती है, लेकिन मेरे नाना इतने आमिर नहीं थे , मेरी मम्मी ने हमको बहुत मेहनत से पाला है। मुझे ही अपना घर पालना पढ़ रहा है बाबूजी आज भी शराब की लत नही छोड़ पाये। कहानी पढ़कर मुझे मेरा घर याद आ गया
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    Shashi Raizada
    20 May 2020
    क्या केवल हाथ उठाना ही बेज़्ज़ती का मापदण्ड है, महफिल में अपशब्द बोलना व खिल्ली उड़ाना, पत्नी की नौकरी को छोटा बताना, बच्चे कुछ गलती करें उसका ज़िम्मेदार पत्नी को ठहराना, बच्चा अच्छा करे तो खुद की उपलब्धि बताना.. ये भी थप्पड़ या मार से किसी भी तरह कम नहीं है.. सारी कथा थप्पड़ मूवी को देख कर लिखी गई है। बहुत से शराब न पीने वाले भी पत्नियों को मारते हैं, तो क्या वो जायज़ ठहराया जा सकता है.. ?
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    14 March 2020
    जरूरी नही की हर पीने वाला ही औरत पर हाथ उठाता है। जो नही पीते है ऐसे बहुत लोग है इस दुनिया मे। ओर उसके बाद भी अपने कर्म का फल तो मिलता है।
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    RAHUL MESHRAM
    16 June 2020
    मेरे साथ एक भैया job करते है ओ भी पीते है लेकिन उन्होंने कभी ऐसा नही किया। घटना मेरे घर से बिलकुल मिलती जुलती है, लेकिन मेरे नाना इतने आमिर नहीं थे , मेरी मम्मी ने हमको बहुत मेहनत से पाला है। मुझे ही अपना घर पालना पढ़ रहा है बाबूजी आज भी शराब की लत नही छोड़ पाये। कहानी पढ़कर मुझे मेरा घर याद आ गया