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ज़िंदगी तो है ....

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ज़िंदगी तो है पर यहाँ साथ में ही ये गम क्यो है, हरपल यहाँ खुश, तो आँख उसकी नम क्यों है। हार जाता है अक्सर यहाँ सच रहेके तन्हा यूँ, जूठ के ही पाँव में इस तरहा संग दम क्यों है। जिसने भी यूँ कभी जो है ...

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लेखक के बारे में

परिचय: *नाम: मनीषा जोबन देसाई *जन्म: ३-११-१९६१ (सूरत) *पति- जोबन टी.देसाई *पुत्रः प्रथम देसाई *पुत्रवधु-उर्जा देसाई *पुत्री-युग्मा देसाई *पता: प्रथम हाउस, नियर क्रोमा सेंटर,सुभाषनगर रोड, राम चौक, घोड़ दौड़ सूरत-३९५००७, गुजरात-इंडिया *ऑफिस: ०२६१-२२३०३३८ *अभ्यास:डिप्लोमा आर्किटेक्ट *व्यवसाय: क्रिऐटीव डीज़ाईन आर्किटेक्ट- इंटीरियर डिज़ाइनर अवोर्ड-Iifs-london *c-star क्विल्ट मेकिंग -आर्ट गेलेरी लेखन: *गुजराती रहस्यकथा पुस्तक- "एलर्ट" प्रकाशित *गुजराती सामाजिक वार्ता पुस्तक- "मनजोबन” प्रकाशित *हिन्दी वार्ता -काव्य-गज़ल संग्रह-कुछ अहेसास लिखे है' प्रकाशित *उत्कर्ष -संदल सुगंध-संगभ संकल्पना -भाव स्पंदन 4 काव्य सांझा संग्रह मानसी गुजराती मेगेज़ीन संपादन हाईकु-लेखन संस्थासंचालन: *"मानसी" महिला मेगेजीन *"अक्षरपथ" -हिंदी साहित्य सभा-सूरत- *"मनजोबन" वार्ता-स्पर्धा का आयोजन *हिन्दी शोर्ट फिल्म सबक का लेखन -दिग्दर्शन अक्षरपथ मेगेज़ीन

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Faraz Ahmad
    28 अप्रैल 2017
    Every line heart touching
  • author
    Anubha Agrawal
    28 जनवरी 2018
    truth of life
  • author
    Vinay Singh
    13 जून 2017
    बहुत अच्छा लिखा है।
  • author
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  • author
    Faraz Ahmad
    28 अप्रैल 2017
    Every line heart touching
  • author
    Anubha Agrawal
    28 जनवरी 2018
    truth of life
  • author
    Vinay Singh
    13 जून 2017
    बहुत अच्छा लिखा है।