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जिंदगी की सेकंड इनिंग

4.6
120637

"इस घर में अगर तुम्हें रहना है तो चुपचाप मुँह बन्द कर के रहो, बीवी हो बीवी की औकात में रहो, पति हूँ मैं तुम्हारा,सवाल मैं करूँगा तुम नही,नही मानना तो निकल जाओ यहाँ से मुझे कोई जरूरत नही है ...

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समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Rinki Tyagi
    12 दिसम्बर 2020
    कहानी अपनी सी है,यहां पति बुरा था,मगर मेरे पास दुनिया का सबसे अच्छा पति था उसको भगवान ने मुझसे छीन लिया,हमारा 14साल का साथ 5 मिनट में मेरी आंखो के सामने सब कुछ खत्म,मगर आज भी उसी के कारण में अपनी सेकंड इन्निंग की शुरुआत में हूं देखती हूं मेरी कहानी का क्या अंत होगा,
  • author
    Samta Parmeshwar
    17 जनवरी 2019
    लाजवाब
  • author
    Ruchi Sharma
    01 फ़रवरी 2019
    Bahut badhiya, sahi samay par sahi निर्णय liya aur sahi hai “हिम्मते मर्दा मददे खुदा”
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    Rinki Tyagi
    12 दिसम्बर 2020
    कहानी अपनी सी है,यहां पति बुरा था,मगर मेरे पास दुनिया का सबसे अच्छा पति था उसको भगवान ने मुझसे छीन लिया,हमारा 14साल का साथ 5 मिनट में मेरी आंखो के सामने सब कुछ खत्म,मगर आज भी उसी के कारण में अपनी सेकंड इन्निंग की शुरुआत में हूं देखती हूं मेरी कहानी का क्या अंत होगा,
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    Samta Parmeshwar
    17 जनवरी 2019
    लाजवाब
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    Ruchi Sharma
    01 फ़रवरी 2019
    Bahut badhiya, sahi samay par sahi निर्णय liya aur sahi hai “हिम्मते मर्दा मददे खुदा”