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जिंदगी का चौराहा और हम ۔۔

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कभी जिंदगी उस मोड़ पर लेकर आ जाती है जहां लगता है मानो जिंदगी का चौराहा आ गया ،۔दिल बड़ी दुविधा में पड़ जाता है कि किस राह पर चले और किस राह को छोड़ा जाए ۔۔ये ऐसी हालत होती है जो दिमाग में इतने ख़याल पैदा ...

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लेखक के बारे में
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मोहन

🌹अब खरी खरी नहीं कहता हूँ.. इसीलिए अब तन्हा नहीं रहता हूं..🌹

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    17 अक्टूबर 2022
    बेहद खूबसूरत रचना लिखा आपने 👌👌👌👏👏👏🥀🥀🥀
  • author
    सुशीला तिवारी
    17 अक्टूबर 2022
    बहुत-बहुत सुन्दर बेहतरीन
  • author
    Rina Dhole
    17 अक्टूबर 2022
    बहुत सुंदर विचार हैं आपके। बहुत खूब।
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    17 अक्टूबर 2022
    बेहद खूबसूरत रचना लिखा आपने 👌👌👌👏👏👏🥀🥀🥀
  • author
    सुशीला तिवारी
    17 अक्टूबर 2022
    बहुत-बहुत सुन्दर बेहतरीन
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    Rina Dhole
    17 अक्टूबर 2022
    बहुत सुंदर विचार हैं आपके। बहुत खूब।