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जिजीविषा

4.2
53214

सुबह से एक मिनट का भी टाइम नही मिला सपना को , 5 बजे सुबह से उठकर एक के बाद एक काम निपटाती गयी ..दो बार चाय रखी रखी ठंडी हो चुकी थी और वो किसी काम मे उलझ जाती जब ध्यान आता तब तक चाय के प्राण निकल ...

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लेखक के बारे में

लेखन मेरा जीवन है अंतर्द्वंद हो या प्रत्यक्षीकरण..जो महसूस करती हूं ,वही लेखनी के माध्यम से उतार देती हूं..! मैं पाठक व लेखक दोनो रूप जीती हूं..! और कोशिश करती हूं अपनी कहानियों में आम इंसान के जीवन की उधेड़बुन को सजीव रूप में प्रस्तुत कर सकूं..! मेरा लघुकथा सँग्रह प्रकाशित हो चुका है, पन्नों के कैनवास .. पन्नों के कैनवास amazon और flipkart पर उपलब्ध है इच्छुक लोग ऑर्डर कर सकते हैं। https://www.amazon.in/dp/9388277953/

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Vanita Handa
    19 सितम्बर 2018
    बहुत बढ़िया ,अजित तो बारह साल में ही सही समझ तो गया कई लोग तो पूरी जिंदगी समझने की कोशिश नहीं करते।
  • author
    Nirmal Vohra
    30 मार्च 2019
    उत्तम
  • author
    Charanjeet Kaur
    01 फ़रवरी 2019
    Awesome
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  • author
    Vanita Handa
    19 सितम्बर 2018
    बहुत बढ़िया ,अजित तो बारह साल में ही सही समझ तो गया कई लोग तो पूरी जिंदगी समझने की कोशिश नहीं करते।
  • author
    Nirmal Vohra
    30 मार्च 2019
    उत्तम
  • author
    Charanjeet Kaur
    01 फ़रवरी 2019
    Awesome