pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

जिगरी दोस्त

4.7
292

जिगरी दोस्त ◆◆◆◆◆ "लाला एक पाव मसूर की दाल देना"-- हरि को एक सुरीली आवाज  आई । हरि अभी दुकान में झाड़-पोंछ कर ही रहा था सुबह सुबह-- पीछे मुड़ के देखा तो अपने मोहल्ले में ही काम करने वाली कान्ता ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
हर्ष महाजन

ग़ज़ल एक छंद काव्य है | एक लम्बा सफ़र तय कर आजकल ये जिस मुकाम पर है इसने अपने अंदर उर्दू और हिन्दी दोनों भाषाओँ को सम्मिलित किया है | अपने सफ़र में नज़ाकत और नफ़ासत के कई तेवर बदलती हुई प्रस्तुत ग़ज़लें अपने बनाव और श्रृंगार में कई जगह शराब और शबाब में मदहोश नज़र आती है और फिर कई जगह ग़म से लबरेज़ तथा ख़ुद अहसासों का चित्रण ब्यान करती हैं | अल्फ़ाज़ तो ख़ुद दास्ताँ बन ग़ज़ल का सत बयाँ कर देते हैं | आम आदमी से जुड़ी और मानवीय संवेदनाओं से भरपूर मेरी कलम से निकले कुछ पसंदीदा शेर/ ग़ज़लें / क्षणिकाएं/कहानियां/ लघु कथाएं /आने वाले दिनों में मैं अपने वो भी धारावाहिक भी इसमें सम्मिलित करने की कोशिश करूंगा जो अभी कागजों में अपनी जगह बनाये हुए हैं | मुझे उम्मीद है मेरी लेखनी से निकले एहसासों पर आप अपनी उत्कृष्ट सहेजने योग्य प्रतिक्रियाओं की छाप ज़रूर छोड़ेंगे । 🙏🙏 Don't try to Copy Paste my writings or any thing from my stuff otherwise you may be in trouble (Section 13 of the copyright Act 1957) Mail ID: [email protected] सादर

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Neelam सुपरफैन
    01 जुलाई 2021
    बहुत ही मार्मिक कहानी । दिल को छू गयी । इंसान वक़्त को देख के चले तो कामयाबी दूर नही । बहुत सुंदर ।
  • author
    Suman Mahajan
    02 जुलाई 2021
    Bahut he umda prastuti
  • author
    Seema Ojha
    01 जुलाई 2021
    बहुत सुन्दर प्रस्तुति 👏
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Neelam सुपरफैन
    01 जुलाई 2021
    बहुत ही मार्मिक कहानी । दिल को छू गयी । इंसान वक़्त को देख के चले तो कामयाबी दूर नही । बहुत सुंदर ।
  • author
    Suman Mahajan
    02 जुलाई 2021
    Bahut he umda prastuti
  • author
    Seema Ojha
    01 जुलाई 2021
    बहुत सुन्दर प्रस्तुति 👏