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झिलमिल सपने झिलमिलाते रहे ۔۔

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झिलमिल सपने भी झिलमिलाते रहे ۔۔ तुम सपने में अपने बन के आते रहे ۔۔ तुमने फ़िर कर लिया दिल में बसेरा ۔۔ तुम्हारी अदाओं से रोशन मेरा सवेरा ۔۔ तुम मेरे जीवन को यूं  जगमगाते रहे ۔۔ झिलमिल सपने भी ...

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लेखक के बारे में
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मोह.. न

🌹खरी खरी कहता हूँ.. इसीलिए तन्हा रहता हूं..🌹

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Nilam Rai
    18 अप्रैल 2022
    वाह बहुत सुंदर 👌👌🌺🌺
  • author
    Chhaya Sharma "☀️सोना☀️"
    17 अप्रैल 2022
    बहुत सुंदर लिखा आपने
  • author
    N Chow
    17 अप्रैल 2022
    बहुत खूब
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    Nilam Rai
    18 अप्रैल 2022
    वाह बहुत सुंदर 👌👌🌺🌺
  • author
    Chhaya Sharma "☀️सोना☀️"
    17 अप्रैल 2022
    बहुत सुंदर लिखा आपने
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    N Chow
    17 अप्रैल 2022
    बहुत खूब