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झरोखा

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नही थे आखो के झरोखे...!! कहा से समझते दिल की बात..!! जुदा जो आप हमसे थे...!! खफा भी सारी कायनात थी..!! ✍️✍️विशाखा  ✍️✍️ 🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺🌿 ...

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लेखक के बारे में
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Vishakajadhv

सौ. विशाखा जाधव / " शब्दसरिता " गृहिणी 🌸🌸

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    श्वेता गांधी "Rani"
    13 दिसम्बर 2021
    खूब likha
  • author
    Kanifnath Wadekar
    13 दिसम्बर 2021
    बहूत खूब✍️✍️👌👌👌👌👌
  • author
    13 दिसम्बर 2021
    खूप सुंदर 👌👌👌👌👌
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    श्वेता गांधी "Rani"
    13 दिसम्बर 2021
    खूब likha
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    Kanifnath Wadekar
    13 दिसम्बर 2021
    बहूत खूब✍️✍️👌👌👌👌👌
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    13 दिसम्बर 2021
    खूप सुंदर 👌👌👌👌👌