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झगड़े का अंत

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चिंटू अपनी आँखों से अपने माता पिता को लड़ते हुये देख रहा था जो रोज़ की दिनचर्या का हिस्सा था मगर उसके मन में आज के दिन कहीं एक उम्मीद की किरण जाग रही थी क्यूँ की आज फैसले का दिन था | ...

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लेखक के बारे में
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Ammit Verma

ये वक्त गुजर जायगा।।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Manju Pramanik
    20 दिसम्बर 2024
    बेचारे को ख़ुशी मिली भी तो बस कुछ क्षण के लिए क्या पता था जिस शांति की प्रार्थना वो ईश्वर से कर रहा था वो जीवन भर के लिए मिल गया लेकिन साथ उनका साथ भी। बहुत ही मार्मिक विषय पर लिखा है।
  • author
    Anu Verma
    19 दिसम्बर 2024
    bhut marmik h
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  • author
    Manju Pramanik
    20 दिसम्बर 2024
    बेचारे को ख़ुशी मिली भी तो बस कुछ क्षण के लिए क्या पता था जिस शांति की प्रार्थना वो ईश्वर से कर रहा था वो जीवन भर के लिए मिल गया लेकिन साथ उनका साथ भी। बहुत ही मार्मिक विषय पर लिखा है।
  • author
    Anu Verma
    19 दिसम्बर 2024
    bhut marmik h