चिंटू अपनी आँखों से अपने माता पिता को लड़ते हुये देख रहा था जो रोज़ की दिनचर्या का हिस्सा था मगर उसके मन में आज के दिन कहीं एक उम्मीद की किरण जाग रही थी क्यूँ की आज फैसले का दिन था | ...
बेचारे को ख़ुशी मिली भी तो बस कुछ क्षण के लिए क्या पता था जिस शांति की प्रार्थना वो ईश्वर से कर रहा था वो जीवन भर के लिए मिल गया लेकिन साथ उनका साथ भी। बहुत ही मार्मिक विषय पर लिखा है।
रिपोर्ट की समस्या
सुपरफैन
अपने प्रिय लेखक को सब्सक्राइब करें और सुपरफैन बनें !
बेचारे को ख़ुशी मिली भी तो बस कुछ क्षण के लिए क्या पता था जिस शांति की प्रार्थना वो ईश्वर से कर रहा था वो जीवन भर के लिए मिल गया लेकिन साथ उनका साथ भी। बहुत ही मार्मिक विषय पर लिखा है।
रिपोर्ट की समस्या
सुपरफैन
अपने प्रिय लेखक को सब्सक्राइब करें और सुपरफैन बनें !
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या