“ 45 साल हो गये एक ही सड़क पर झाड़ू लगाते लगाते । एक ही रास्ता , एक ही समय , बिनानागा , लगातार सुबह शाम झाड़ू लगाता हूँ मैं । पूरी ईमानदारी के साथ । आने जाना वाला कोइ कह नही सकता कि ये सड़क उसने कभी ...

प्रतिलिपि“ 45 साल हो गये एक ही सड़क पर झाड़ू लगाते लगाते । एक ही रास्ता , एक ही समय , बिनानागा , लगातार सुबह शाम झाड़ू लगाता हूँ मैं । पूरी ईमानदारी के साथ । आने जाना वाला कोइ कह नही सकता कि ये सड़क उसने कभी ...