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झाँसी की रानी की समाधि पर

4.7
3112

इस समाधि में छिपी हुई है, एक राख की ढेरी | जल कर जिसने स्वतंत्रता की, दिव्य आरती फेरी || यह समाधि यह लघु समाधि है, झाँसी की रानी की | अंतिम लीलास्थली यही है, लक्ष्मी मरदानी की || यहीं कहीं पर बिखर गई ...

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लेखक के बारे में

मूल नाम : सुभद्रा कुमारी चौहान जन्म : 16 अगस्त 1904, इलाहाबाद(उत्तर प्रदेश) देहावसान : 15 फरवरी 1948, जबलपुर(मध्य प्रदेश) भाषा : हिन्दी विधाएँ : कविता, कहानी सुभद्रा कुमारी चौहान एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं हिन्दी भाषा की एक सुप्रसिद्ध रचनाकार हैं, इनकी कविता झाँसी की रानी एक कालजयी रचना मानी जाती है। इनके सम्मान में भारत सरकार ने एक डाक टिकट जारी किया हुआ है, और साथ ही साथ भारतीय नवसेना ने अपने एक तट-रक्षक जहाज का नाम भी इनके नाम पर रखा है।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    निक्की सिंह
    05 अक्टूबर 2019
    कुछ भी कहो पर 5 star सचमें कम है सुभद्रा दी की कहानियों के लिए
  • author
    Rajender Kumar
    26 जुलाई 2019
    कुछ कहने या संमीक्षा लिखने के लायक नहीं हूं ।
  • author
    Vikram Singh
    13 जून 2018
    Subhadraji Ko koti koti Naman is Veer Gatha ke liye
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    निक्की सिंह
    05 अक्टूबर 2019
    कुछ भी कहो पर 5 star सचमें कम है सुभद्रा दी की कहानियों के लिए
  • author
    Rajender Kumar
    26 जुलाई 2019
    कुछ कहने या संमीक्षा लिखने के लायक नहीं हूं ।
  • author
    Vikram Singh
    13 जून 2018
    Subhadraji Ko koti koti Naman is Veer Gatha ke liye