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जीवन और जिंदगी,,, आध्यात्मिक विवेचना भाग नौ।

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जीवन की यात्रा में, इस धरा पर जबसे जिंदगी मिली, मैं इसकी तलाश जिंदगी भर करता आ रहा हूं, मगर जिंदगी अभी तक मिले, बस जिंदगी का एक नाम मिला, वह सिर्फ नाम ही था, जिंदगी न थी, जब गौर किया तो, यह ...

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समीक्षा
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    Megha Srivastava
    18 এপ্রিল 2025
    निशब्द करते हैं आपके सारे लेख,.... जन्मदिन पर मोमबत्ती जलाने का उदाहरण बहुत अच्छा दिया आपने। विदेशी संस्कृति का असर आ गया है हम हिंदुस्तानियों पर पहले जन्मदिन पर सत्यनारायण जी की कथा और लड्डू बांटे जाते थे मगर अब.... चॉकलेट केक पाइनएप्पल केक वनीला केक काटे जाते हैं मोमबत्ती जलाई जाती है नाम पर चाकू काटा जाता है जिसको लोग कहते हैं कि मॉडर्न है केक न काटना पुरानी सोच के लोग हैँ तो भई हम तो हैं पुरानी सोच के है हमेशा की तरह से सराहनीय लेख लिखा है आपने 🙏
  • author
    Rosy Khan "Rose"
    18 এপ্রিল 2025
    वाह बहुत ही सुंदर लाजवाब लिखा है आपने जिंदगी के बारे में कितने सुंदर शब्दों में बहुत अच्छी जानकारी दी है,बहुत खूब ऐसे ही आगे बढ़ते रहें आप🙌❤️✨🙏💕💕💕💕💕❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨❤️
  • author
    Manju Pant
    19 এপ্রিল 2025
    बहुत सरल तरीके से जिन्दगी के उतार चढ़ाव को समझा दिया है आपने। गूढ़ रहस्यतम बातों से ज्ञान की गंगा बह रही है आपके आलेख में। जन्म दिन पर केक काटना व मोमबत्ती बुझाना पाश्चात्य संस्कृति है,जिसको अब हम लोगों ने आत्मसात कर लिया है। न पीढ़ी के साथ पुरानी पीढ़ी भी इस परम्परा में शामिल हो चुकी है। हर वर्ष जन्मदिन मनाना घटते जीवन क्रम का सूचक है, फिर भी इसे खूब जोर शोर से मनाते हैं। अब तक एक परम्परा और चल पड़ी है। पिचहतर साल नब्बे साल के जन्मदिन भी अधिक जोर जोर से मनाएं जातें हैं। जीवन की विविधताओं को श्रेष्ठतम तरीके से आपने बताया है। अध्यात्म की झलक भी आपके आलेख में दिखाई देती है।
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    Megha Srivastava
    18 এপ্রিল 2025
    निशब्द करते हैं आपके सारे लेख,.... जन्मदिन पर मोमबत्ती जलाने का उदाहरण बहुत अच्छा दिया आपने। विदेशी संस्कृति का असर आ गया है हम हिंदुस्तानियों पर पहले जन्मदिन पर सत्यनारायण जी की कथा और लड्डू बांटे जाते थे मगर अब.... चॉकलेट केक पाइनएप्पल केक वनीला केक काटे जाते हैं मोमबत्ती जलाई जाती है नाम पर चाकू काटा जाता है जिसको लोग कहते हैं कि मॉडर्न है केक न काटना पुरानी सोच के लोग हैँ तो भई हम तो हैं पुरानी सोच के है हमेशा की तरह से सराहनीय लेख लिखा है आपने 🙏
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    Rosy Khan "Rose"
    18 এপ্রিল 2025
    वाह बहुत ही सुंदर लाजवाब लिखा है आपने जिंदगी के बारे में कितने सुंदर शब्दों में बहुत अच्छी जानकारी दी है,बहुत खूब ऐसे ही आगे बढ़ते रहें आप🙌❤️✨🙏💕💕💕💕💕❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨❤️
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    Manju Pant
    19 এপ্রিল 2025
    बहुत सरल तरीके से जिन्दगी के उतार चढ़ाव को समझा दिया है आपने। गूढ़ रहस्यतम बातों से ज्ञान की गंगा बह रही है आपके आलेख में। जन्म दिन पर केक काटना व मोमबत्ती बुझाना पाश्चात्य संस्कृति है,जिसको अब हम लोगों ने आत्मसात कर लिया है। न पीढ़ी के साथ पुरानी पीढ़ी भी इस परम्परा में शामिल हो चुकी है। हर वर्ष जन्मदिन मनाना घटते जीवन क्रम का सूचक है, फिर भी इसे खूब जोर शोर से मनाते हैं। अब तक एक परम्परा और चल पड़ी है। पिचहतर साल नब्बे साल के जन्मदिन भी अधिक जोर जोर से मनाएं जातें हैं। जीवन की विविधताओं को श्रेष्ठतम तरीके से आपने बताया है। अध्यात्म की झलक भी आपके आलेख में दिखाई देती है।