जीवन की यात्रा में, इस धरा पर जबसे जिंदगी मिली, मैं इसकी तलाश जिंदगी भर करता आ रहा हूं, मगर जिंदगी अभी तक मिले, बस जिंदगी का एक नाम मिला, वह सिर्फ नाम ही था, जिंदगी न थी, जब गौर किया तो, यह ...
निशब्द करते हैं आपके सारे लेख,.... जन्मदिन पर मोमबत्ती जलाने का उदाहरण बहुत अच्छा दिया आपने।
विदेशी संस्कृति का असर आ गया है हम हिंदुस्तानियों पर पहले जन्मदिन पर सत्यनारायण जी की कथा और लड्डू बांटे जाते थे मगर अब.... चॉकलेट केक पाइनएप्पल केक वनीला केक काटे जाते हैं मोमबत्ती जलाई जाती है नाम पर चाकू काटा जाता है जिसको लोग कहते हैं कि मॉडर्न है केक न काटना पुरानी सोच के लोग हैँ तो भई हम तो हैं पुरानी सोच के है हमेशा की तरह से सराहनीय लेख लिखा है आपने 🙏
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वाह बहुत ही सुंदर लाजवाब लिखा है आपने जिंदगी के बारे में कितने सुंदर शब्दों में बहुत अच्छी जानकारी दी है,बहुत खूब ऐसे ही आगे बढ़ते रहें आप🙌❤️✨🙏💕💕💕💕💕❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨❤️
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बहुत सरल तरीके से जिन्दगी के उतार चढ़ाव को समझा दिया है आपने। गूढ़ रहस्यतम बातों से ज्ञान की गंगा बह रही है आपके आलेख में। जन्म दिन पर केक काटना व मोमबत्ती बुझाना पाश्चात्य संस्कृति है,जिसको अब हम लोगों ने आत्मसात कर लिया है। न पीढ़ी के साथ पुरानी पीढ़ी भी इस परम्परा में शामिल हो चुकी है। हर वर्ष जन्मदिन मनाना घटते जीवन क्रम का सूचक है, फिर भी इसे खूब जोर शोर से मनाते हैं। अब तक एक परम्परा और चल पड़ी है। पिचहतर साल नब्बे साल के जन्मदिन भी अधिक जोर जोर से मनाएं जातें हैं। जीवन की विविधताओं को श्रेष्ठतम तरीके से आपने बताया है। अध्यात्म की झलक भी आपके आलेख में दिखाई देती है।
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