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जीव का जीव से रिश्ता

4.4
4657

यूं तो जीवन में रोज़ कुछ न कुछ घटनाएं घटित होते रहती है। परंतु कुछ घटनाएं जेहन पर घर कर जाती हैं ।भुलाए नही भूलती।ऐसे ही दो घटनाओं का जिक्र कर रही हूं। आज से लगभग 17- 18 साल पुरानी बात है ।तब मेरे पास ...

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लेखक के बारे में
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वर्षा ठाकुर

घूमना ही जिंदगी है । घूम घूम कर प्रकृति के अद्भुत सौंदर्य को देखना , जानना और समझना ।

समीक्षा
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  • author
    Beena Srivastava
    20 दिसम्बर 2020
    samvedna to sabhi me hoti hai bus abhivykti ka tareeka insan se. thoda aleg ho sakta hai.
  • author
    05 फ़रवरी 2018
    सच में आपने आज के मनोभावो का सजीव चित्रण लिखा है मन सिहर उठा पढ कर हर जीवो मे श्रेष्ठ जीव जाने क्यूं इंसान बना? आप,आप ही चरने की पशुओ सा विधान बना।
  • author
    nidhi Bansal "Nidhi"
    28 दिसम्बर 2017
    sach m vicharniye.insaaniyat insaan m khtm hoti jaa rhi h or janwer insano se behter sabit ho rhe h.dil choone k liye bdhayi.
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    Beena Srivastava
    20 दिसम्बर 2020
    samvedna to sabhi me hoti hai bus abhivykti ka tareeka insan se. thoda aleg ho sakta hai.
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    05 फ़रवरी 2018
    सच में आपने आज के मनोभावो का सजीव चित्रण लिखा है मन सिहर उठा पढ कर हर जीवो मे श्रेष्ठ जीव जाने क्यूं इंसान बना? आप,आप ही चरने की पशुओ सा विधान बना।
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    nidhi Bansal "Nidhi"
    28 दिसम्बर 2017
    sach m vicharniye.insaaniyat insaan m khtm hoti jaa rhi h or janwer insano se behter sabit ho rhe h.dil choone k liye bdhayi.