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जवां रहो सदाबहार

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वैसे तन तो होता समान , बनावट होती नहीं समान । निखरे तन तो कसरत से , बनावट शारीरिक बनती शान ।। अनुवांशिकता भी तो होती , पीढ़ी दर पीढ़ी वो दिखती । मिलते जुलते वो चेहरे से , परिवार की पहचान लगती ।। ...

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लेखक के बारे में

शिक्षा - M.A (sociology) , osmania university सारस्वत सम्मान - विद्यावाचस्पति " भारत गौरव " उपाधि प्राप्त पांच पुस्तकों के लेखक मेरा हैदराबाद में ही निवास है । ईश्वर ने हमे प्रकृति दी , हमे इस पृथ्वी पर भेजा । क्यों नहीं हम , इस प्रकृति सम्मत जीवन का पूर्ण आनद ले ? शब्दों की अभिव्यक्ति ही , इंसान की पहचान बनाती है ।

समीक्षा
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  • author
    Sarika sharma "Anju"
    07 मार्च 2021
    बहुत बेहतरीन प्रस्तुति
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    Sarika sharma "Anju"
    07 मार्च 2021
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