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जरा याद करो कुर्बानी

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याद करेंगे जब शहीदों को आंखो में आंसू आएंगे सदियों तक उस कुर्बानी के फसाने सुनाए जाएंगे जब शेखर जैसे वीरों ने सीने पर गोली खाई थी धन्य है उस मां की छाती जो लाशों पर मुसकाई थी आते ही याद राज गुरु की ...

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लेखक के बारे में
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अमित

मैं तो मन का मीत नहीं हूं ,कैसे सच्ची प्रीत करूँ मैंने अपना दिल जो हारा ,कैसे उसको जीत करूँ मैं अपने को भूल गया हूं बस ,तेरी ही सूरत याद रही तेरे लफ़्ज़ों में ढल जाऊं या तुझको ही संगीत करूँ "अमित"

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Meena (Sumi) Rawlani "सुमि"
    29 अगस्त 2021
    बहुत ही सही और उम्दा लिखा आपने
  • author
    Archna Gupta
    16 अगस्त 2021
    बहुत शानदार लिखा है आपने 👌👌🌼🌼
  • author
    Nikhat
    15 अगस्त 2021
    bhut bdhiya likha he sir 😊
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  • author
    Meena (Sumi) Rawlani "सुमि"
    29 अगस्त 2021
    बहुत ही सही और उम्दा लिखा आपने
  • author
    Archna Gupta
    16 अगस्त 2021
    बहुत शानदार लिखा है आपने 👌👌🌼🌼
  • author
    Nikhat
    15 अगस्त 2021
    bhut bdhiya likha he sir 😊