याद करेंगे जब शहीदों को आंखो में आंसू आएंगे सदियों तक उस कुर्बानी के फसाने सुनाए जाएंगे जब शेखर जैसे वीरों ने सीने पर गोली खाई थी धन्य है उस मां की छाती जो लाशों पर मुसकाई थी आते ही याद राज गुरु की ...
मैं तो मन का मीत नहीं हूं ,कैसे सच्ची प्रीत करूँ
मैंने अपना दिल जो हारा ,कैसे उसको जीत करूँ
मैं अपने को भूल गया हूं बस ,तेरी ही सूरत याद रही
तेरे लफ़्ज़ों में ढल जाऊं या तुझको ही संगीत करूँ "अमित"
सारांश
मैं तो मन का मीत नहीं हूं ,कैसे सच्ची प्रीत करूँ
मैंने अपना दिल जो हारा ,कैसे उसको जीत करूँ
मैं अपने को भूल गया हूं बस ,तेरी ही सूरत याद रही
तेरे लफ़्ज़ों में ढल जाऊं या तुझको ही संगीत करूँ "अमित"
रिपोर्ट की समस्या
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