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जांनवर

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मूक जानवर को भी...... बहुत ज्ञान होता है..... इसलिए अपने मालीक को.... बहुत आसानी से पहचान लेता है...... ...

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लेखक के बारे में

शब्द हसवतात, शब्द रडवतात..... शब्द रुसवतात, शब्द मनवतात... आयुष्याचे खेळ सारे या..... शब्दांवरच तर चालतात....

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Kanifnath Wadekar
    06 अप्रैल 2022
    बिलकुल सही है👌👌👌👌👌 जैसे की आपको आपकी बिल्ली😂😂
  • author
    Vishakajadhv "शब्दसरीता"
    06 अप्रैल 2022
    सही पकडे है...! 😊👌👌👌💖💖
  • author
    06 अप्रैल 2022
    बहुतही सुंदर......!🌟🌟🌟🌟🌟
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    Kanifnath Wadekar
    06 अप्रैल 2022
    बिलकुल सही है👌👌👌👌👌 जैसे की आपको आपकी बिल्ली😂😂
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    Vishakajadhv "शब्दसरीता"
    06 अप्रैल 2022
    सही पकडे है...! 😊👌👌👌💖💖
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    06 अप्रैल 2022
    बहुतही सुंदर......!🌟🌟🌟🌟🌟