जलाया है तुमने मेरा चेहरा, मेरा हौसला कहाँ जलाया है, गलाई है तुमने मेरी त्वचा, मेरा इरादा कहाँ गलाया है। फेक तेजाब चेहरे पर मेरे , तुमने कहाँ मुझे डराया है , कर कृत्य ऐसा तुमने, खुद को ही नामर्द ...
बधाई हो! "जलाया है तुमने मेरा चेहरा"
A poem on the feelings of acid victims प्रकाशित हो चुकी है।. अपने दोस्तों को इस खुशी में शामिल करे और उनकी राय जाने।
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