pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

"जलाया है तुमने मेरा चेहरा" A poem on the feelings of acid victims

5
10

जलाया है तुमने मेरा चेहरा, मेरा हौसला कहाँ जलाया है, गलाई है तुमने मेरी त्वचा, मेरा इरादा कहाँ गलाया है। फेक तेजाब चेहरे पर मेरे , तुमने कहाँ मुझे डराया है , कर कृत्य ऐसा तुमने, खुद को ही नामर्द ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
अमित RAJ
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    VikAsh Raj "फील ग्राम"
    03 जून 2020
    बहुत खूब...❤
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    VikAsh Raj "फील ग्राम"
    03 जून 2020
    बहुत खूब...❤