आज जल दिवस पर "जल ही तो है " भाप बन उड़ा बादल बन गया , दूब पर बिखरा ओस बन गया । पिघल कर बहा प्रपात बन गया, झर झर बहा झरना बन गया। जल ही तो है ।। ठिठुर गया तो बर्फ बन गया, ठहर गया तो तालाब ...
ड़ा मीरा रामनिवास (रिटायर्ड भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी) लेखन, भ्रमण, ट्रेकिंग में रूचि ।बागवानी , संगीत श्रवण, साहित्य पठन, जैसे शौक हैं प्रकृति को निहारना, बच्चों के साथ बातें करना , बुजुर्गों के साथ बैठना ,स्कूल कालेज में सम सामयिक विषयों पर व्याख्यान देना अच्छा लगता है। सामाजिक मूल्य और प्रकृति मेरे लेखन को प्रभावित करते हैं ।
सारांश
ड़ा मीरा रामनिवास (रिटायर्ड भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी) लेखन, भ्रमण, ट्रेकिंग में रूचि ।बागवानी , संगीत श्रवण, साहित्य पठन, जैसे शौक हैं प्रकृति को निहारना, बच्चों के साथ बातें करना , बुजुर्गों के साथ बैठना ,स्कूल कालेज में सम सामयिक विषयों पर व्याख्यान देना अच्छा लगता है। सामाजिक मूल्य और प्रकृति मेरे लेखन को प्रभावित करते हैं ।
very nice jal hi to hai jis b sanche me daloge usi ka roop le lega itna saral or nischal astitv hai iska.chahe to vinash ka de chahe to bdi se bdi aag bujha de.jal hi to hai.insan bina khaye rh sakta hai but bina jal k jivan asambhav hai.nice poem.🙏🏼🙏🏼
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very nice jal hi to hai jis b sanche me daloge usi ka roop le lega itna saral or nischal astitv hai iska.chahe to vinash ka de chahe to bdi se bdi aag bujha de.jal hi to hai.insan bina khaye rh sakta hai but bina jal k jivan asambhav hai.nice poem.🙏🏼🙏🏼
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